दो शब्द
इस पुस्तक में प्रस्तुत विचार पूर्णतया मेरे निजी विचार हैं जिनका उद्देश्य समाज में धर्म व राष्ट्र के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को प्रखरता से उभारना हैं। इन विचारों से भिन्न भी किसी के अपने विचार हो सकते हैं। यदि आप इन विचारों से सहमत हैं तो करबद्ध निवेदन हैं कि इसे जन-जन तक पहुंचाने में सहयोग करे। यदि आप लेख के किसी भी विचार से अलग दृष्टिकोण रखते हैं तो कृपया निःसंकोच अपने विचार मुझसे अवश्य साझा करें। एक लेखक के रूप में मैं आपके सुझाये प्रत्येक विचारों को जानने के लिए सदैव उत्सुक रहूंगा। आपके द्वारा सुझाये विचार इसी पुस्तक के अगामी version व print प्रारूप को सुधारने में महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकते हैं अतः राष्ट्रहित में योगदान सुनिश्चित करे।
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राष्ट्रहित में प्रस्तुत मेरे विचारों को इस पुस्तक के जरिए पढ़ने के लिये सभी पाठकों को मैं ह्दय से धन्यवाद देता हूँ। सभी पाठकों से इतनी ही आशा हैं कि वे हर तरह से राष्ट्र व इससे जुड़े विषयों पर सर्वथा न केवल स्वयं जागृत रहेंगे अापुती अन्य अपने भाई बंधुओं को भी जागृत करने का निरंतर प्रयास करते रहेंगे।
लेखक: संजय त्रिवेदी
पिता: श्री अम्बालाल त्रिवेदी
गाँव: खमनोर, जिला राजसमंद, राजस्थान
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